मिस्टर मनमोहन जो थे सबको भाने वाले थे
एक आज़ाद ग़ज़ल: मिस्टर मनमोहन जो थे, सबको भाने वाले थे, सोचा भी नहीं था कल तक, वो भी जाने वाले थे। ध्रुव तारा सा, आसमान में , चमकेंगे, इस कारण भी, अर्थशास्त्र में, ऊंची-ऊंची, डिग्री पाने वाले थे। संकट में भी मुल्क को जब साहस की पड़ी ज़रूरत थी, मौनी बाबा बनकर वो उसका भी हल लाने वाले थे। विश्व गुरु का तमगा पहने, कई अभी तक ज़िंदा हैं, वो विश्व गुरु से ऊपर उठकर, माने जाने वाले थे। घूम घूम कर, कुछ ने रुतबा, अब तक पाया ही नहीं, देश में रहकर भी वो, दुनिया में छाने वाले थे। कभी विचारों में गहरे थे, कभी ब...