संसदीय गरिमा पर अविश्वास।* (राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नोटिस।)
* राज्यसभा में सभापति के खिलाफ विपक्ष खेमे ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। भारतीय संसद के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जहां राज्यसभा में किसी सभापति के खिलाफ अविश्वास का नोटिस आया हो। दरअसल, यह मौका इसलिए सामने आया, क्योंकि सभापति के सदन में रुख से सभी विपक्षी दल नाखुश थे। विपक्ष का आरोप है कि सभापति हमेशा सत्तारूढ़ खेमे का पक्ष लेते हैं और विपक्ष की आवाज दबाते हैं। विपक्ष आसन को निष्पक्ष देखना चाहता है, लेकिन पिछली लोकसभा के बाद जब 18वीं लोकसभा में भी राज्यसभा में चीजें नहीं बदलीं तो पिछले सत्र में प्रस्ताव लाने की चर्चा चलाकर विपक्ष ने कोई कड़ा कदम उठाने का संदेश देने की कोशिश की। प्रियंका 'सौरभ' संसद में पीठासीन अधिकारियों की भूमिका तटस्थता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है कि संसदीय कार्यवाही निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से संचालित हो। हाल ही में, विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उठाया, जिसमें उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया गया। यह स्थिति लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अखंडता के लिए प्रमुख नेतृत्व भूमिकाओं में निष्पक्षता ...