रोज़े के दौरान हमारे जिस्म का रद्देअमल क्या होता है? इस बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी डॉक्टर मोहम्मद फ़ाज़िल ने दी|
बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए मुस्तकीम मंसूरी की खा़स रिपोर्ट, बरेली,आलाहजरत सर्जिकल एंड ट्रामा सेंटर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर मोहम्मद फ़ाज़िल से हमारे संवाददाता ने रोजे़ के दौरान रोजे़दारों के जिस्म का रद्दे अमल क्या होता है? इस बारे में डॉक्टर मोहम्मद फ़ाज़िल ने कुछ दिलचस्प जानकारी देते हुए बताया| पहले दो रोज़े: के दौरान पहले ही दिन ब्लड शुगर लेवल गिरता है यानी ख़ून से चीनी के ख़तरनाक असरात का दर्जा कम हो जाता है। दिल की धड़कन सुस्त हो जाती है और ख़ून का दबाव कम हो जाता है। नसें जमाशुदा ग्लाइकोजन को आज़ाद कर देती हैं। जिसकी वजह से जिस्मानी कमज़ोरी का एहसास उजागर होने लगता है। ज़हरीले माद्दों की सफाई के पहले मरहले के नतीज़े में- सरदर्द सर का चकराना, मुंह का बदबूदार होना और ज़बान पर मवाद का जामा होता है। डॉक्टर मोहम्मद फाजिल ने बताया की तीसरे से सातवें रोज़े तक: जिस्म की चर्बी टूट फूट का शिकार होती है और पहले मरहले में ग्लूकोज में बदल जाती है। कुछ लोगों में चमड़ी मुलायम और चिकना हो जाती है। जिस्म भूख का आदी होना शुरु हो जाता है। और इस तरह साल ...