स्वास्थ्य विभाग में अच्छे रसूक रखने वाले डॉक्टर मोहम्मद फुरकान अंसारी से मुख्य चिकित्सा अधिकारी बदायूं ने प्राईवेट हास्पिटलों में सेवाएं देने पर मांगा स्पष्टीकरण।
रिपोर्ट-मुस्तकीम मंसूरी
बदायूं , स्वास्थ्य विभाग के बदायूं जेल में तैनात रहे डॉक्टर मोहम्मद फुरकान अंसारी जो पिछले वर्ष 2023 में जिला कारागार बदायूं में तैनात थे।उसी दौरान डॉक्टर मोहम्मद फुरकान अंसारी जनपद बरेली के बीसलपुर चौराहा स्थित रज़ा हास्पिटल में मरीजों को देखने के कार्य को अंजाम दे रहे थे।अब भी रज़ा हास्पिटल और अल सरकार हास्पिटल में अपनी सेवाएं बराबर दे रहे हैं। पिछले वर्ष दिसंबर 2023 में बदायूं जेल में तैनाती के दौरान डॉक्टर मौहम्मद फुरकान अंसारी मरीज देख
रहे थे, जिसका पत्रकारों द्वारा खुलासा किया गया था। जिस पर पूर्व एडी हेल्थ से लेकर पूर्व सीएमओ बदायूं के मामला संज्ञान में आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे रहा। वही सूत्रों से जानकारी मिली कि डॉक्टर मौहम्मद फुरकान अंसारी स्वास्थ्य विभाग में अपने रसूखों का इस्तेमाल करते हुए मामले को दबाने में कामयाब हो गये।
परन्तु जैसे ही मामला वर्तमान सीएमओ बदायूं डॉक्टर रामेश्वर मिश्रा के संज्ञान में आने पर मामले पर संज्ञान लेते हुए सीएमओ बदायूं डॉक्टर रामेश्वर मिश्रा ने डॉक्टर मौहम्मद फुरकान अंसारी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
अब सवाल यह उठता है कि पूर्व सीएमओ बदायूं और पूर्व एडी हेल्थ एक बर्ष पूर्व भी कारवाई कर सकते थे। लेकिन पूर्व सीएमओ बदायूं और पूर्व एडी हेल्थ द्बारा डॉक्टर मोहम्मद फुरकान अंसारी पर कार्रवाई ना किये जाना क्या कार्य सरकार में लापरवाही मानी जाए?ने जिस तरह डॉक्टर मौहम्मद फुरकान अंसारी जो सरकारी नौकरी में होने के बावजूद प्राइवेट अस्पतालों में सेवाएं देने के मामले को गंभीरता से लिया है।वह
वर्तमान सीएमओ बदायूं की आक्रामक कार्य शैली को दर्शाता है।
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