देश की धार्मिक संपत्तियों के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार बनाए राष्ट्रीय धार्मिक बंदोबस्त निदेशालय, अहमद जावेद

 वक्फ वेलफेयर फोरम के  अध्यक्ष अहमद जावेद ने जेपीसी को भेजा प्रस्ताव।

लखनऊ से बेताब समाचार एक्सप्रेस के यूपी प्रभारी मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट।

लखनऊ, वक्फ वेलफेयर फोरम के प्रदेश अध्यक्ष अहमद जावेद ने मुस्तकीम मंसूरी ने लखनऊ में वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि इस इस समय देशभर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं। और देशभर में वक्फ बोर्ड के  पास 8.7 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं,


जो 9.4 लाख एकड़ में फैली है, वर्ष 1954 में वक्फ अधिनियम पारित किया गया, वर्ष 1995 में और 2013 वक्फ  संशोधन एक्ट पास करते हुए वक्फ बोर्ड को महिलाओ के आरक्षण शक्तियां दे दी गई थी। परंतु मौजूदा सरकार की कैबिनेट ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। परंतु विपक्ष की मांग पर सरकार ने संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) गठित करके देशभर के लोगों से राय मांगी है। जिस पर वक्फ वेलफेयर फोरम के प्रदेश अध्यक्ष अहमद जावेद ने जेपीसी को एक प्रस्ताव भेजते  हुए जो मांग की है, अब उस पर देश भर में बहस होना लाज़मी है। वक्फ वेलफेयर फोरम के  अध्यक्ष अहमद जावेद ने कहा कि एक देश-एक कानून व एक चुनाव की तर्ज पर सभी धर्म की धार्मिक संपत्तियों को संरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय धार्मिक बंदोबस्त निदेशालय बनाने की मांग की है। इस संबंध में फोरम के  अध्यक्ष अहमद जावेद ने वक्फ संशोधन अधिनियम मामले का अध्ययन कर रही संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) को पत्र भेजा है। वक्फ वेलफेयर फोरम के प्रदेश अध्यक्ष अहमद जावेद ने सुझाव देते हुए जेपीसी से आग्रह किया है कि देश में धार्मिक संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए राष्ट्रीय बंदोबस्ती निदेशालय की स्थापना की जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव सभी धार्मिक संस्थाओं की पारदर्शिता और उनके जनकल्याणकारी उपयोग को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया गया है।

अहमद जावेद ने बताया कि सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहे हैं कि देश के संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो और जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो। इसके तहत धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर समानता और न्याय के सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए। अहमद जावेद ने सुझाव दिया कि एक राष्ट-एक कानून की अवधारणा को लागू करते हुए इन धार्मिक संस्थाओं के लिए नई दिल्ली में 'राष्ट्रीय बंदोबस्ती निदेशालय'नामक एक केंद्रीय निकाय की स्थापना की जाए। यह निकाय धार्मिक संस्थाओं के प्रशासन और उसके कार्यों की जांच पड़ताल के लिए जिम्मेदार होगा। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड, मंदिर न्यास, और गुरुद्वारा समितियों जैसी संस्थाओं के पास पहले से ही कानूनी ढांचे मौजूद हैं। इस नई पहल के तहत किसी बड़े कानूनी परिवर्तन की आवश्यकता नहीं होगी।

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