मिस्टर मनमोहन जो थे सबको भाने वाले थे
एक आज़ाद ग़ज़ल:
मिस्टर मनमोहन जो थे, सबको भाने वाले थे,
सोचा भी नहीं था कल तक, वो भी जाने वाले थे।
ध्रुव तारा सा, आसमान में , चमकेंगे, इस कारण भी,
अर्थशास्त्र में, ऊंची-ऊंची, डिग्री पाने वाले थे।
संकट में भी मुल्क को जब साहस की पड़ी ज़रूरत थी,
मौनी बाबा बनकर वो उसका भी हल लाने वाले थे।
विश्व गुरु का तमगा पहने, कई अभी तक ज़िंदा हैं,
वो विश्व गुरु से ऊपर उठकर, माने जाने वाले थे।
घूम घूम कर, कुछ ने रुतबा, अब तक पाया ही नहीं,
देश में रहकर भी वो, दुनिया में छाने वाले थे।
कभी विचारों में गहरे थे, कभी बहुत सख्त थे,
चापलूसी से कभी किसी को नहीं रिझाने वाले थे।
मुल्क को नई ऊंचाई तक, ले जाना था जिसको,
हर ऐसे शख्स को, अपने साथ चलाने वाले थे।
उनकी नीति याद रहेगी, देश के बच्चे बच्चे को,
वो सियासत को, धर्म से दूर हटाने वाले थे।
याद हमेशा किया जाएगा , उनकी नीतियों को,
ज़फ़र वो हुकूमत में कई सुधार लाने हवाले थे।
ज़फ़रुद्दीन 'ज़फ़र'
एफ-413,
कड़कड़डूमा कोर्ट,
दिल्ली -110032
zzafar08@gmail.com
9811720212
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