डॉक्टर.शरद अग्रवाल के ज्ञान से लाभ प्राप्त करने का पाँच सूत्रीय फ़ॉर्मूला-मुशाहिद रफ़त

 

बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट।

दिवाली के मौक़े पर बरेली में डॉ. शरद अग्रवाल की ओर से एक वीडियो संदेश जारी गया किया था, जो पिछले दो दिनों से बहुत वायरल हो रहा है। इस वीडियो के साथ लोग कुछ न कुछ कमेन्ट भी शेयर कर रहे हैं, जिसमें डॉक्टर साहब पर नफ़रत फैलाने का आरोप तक लगाया जा रहा है। मेरा मानना है कि ऐसा करने वाले लोग डॉ. शरद अग्रवाल के तेज़ दिमाग़ को हल्के में ले रहे हैं। इन लोगों को यह तो याद रह गया कि डॉक्टर साहब ने वीडियो संदेश में कहा कि “हम दीपावली की ख़रीदारी उन्हीं लोगों से करें जो दीपावली मनाते हैं, यह मेरी आप सब लोगों से प्रार्थना भी है और हार्दिक इच्छा भी है और कामना भी है”, मगर ये सारे लोग भूल गए कि इस वाक्य से ठीक पहले डॉक्टर साहब ने यह भी कहा था कि “समाज के हर वर्ग को हमसे फ़ायदा हो यह हमारी इच्छा होनी चाहिए और हमारा प्रयास होना चाहिए”। यानि डॉक्टर साहब ने अपने डिफ़ेन्स का इंतज़ाम पहले ही कर लिया था। उन्हें पहले से पता था कि


उनके बयान पर आपत्ति के सारे तीर “हर वर्ग को हमसे फ़ायदा हो” वाले कवच से टकरा कर टूट जाएंगे। लिहाज़ा, हमें डॉ. शरद अग्रवाल की बेमिसाल समझ को हल्के में लेने की ग़लती नहीं करनी चाहिए। वो बहुत सीनियर डॉक्टर हैं, बहुत ही ज़्यादा समझदार हैं। इसलिए उन पर उंगली उठाने के बजाय उनके ज्ञान से लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए। यह लाभ उठाने के लिए मैं यहाँ पाँच सवालों के रूप में एक फ़ॉर्मूला पेश कर रहा हूँ। बस, हम सबको मन ही मन कामना करनी है कि डॉ. शरद अग्रवाल जल्दी से इन पाँच सवालों के जवाब दे डालें ताकि अगले साल दीपावली पर कोई कन्फ़्यूज़न न रहे।

1- सवाल नंबर एक

क्या दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ और दीये ऐसी ज़मीन से ली गई मिट्टी से बनाए जा सकते हैं जिसका मालिक दीपावली न मनाता हो ? क्या यह पता करना ज़रूरी नहीं है कि दीयों में जो तेल जल रहा है उसकी सरसों जिस खेत में उगी और जिस कोल्हू में पेराई गई, उसका मालिक दीपावली मनाता है या नहीं ? पूजा की चौकी, पान, अगरबत्ती, परवल, फल आदि बनाने, उगाने और बेचने वाले कामगार, व्यापारी, उद्यमी और किसान अगर दीपावली न मनाते हों तो क्या उनसे पूजा का सामान ख़रीदा जा सकता है ?

2- सवाल नंबर दो

क्या यह पता करना ज़रूरी नहीं कि मिठाई बनाने में इस्तेमाल हुई शकर किस खेत के गन्ने से बनाई गई  ? खेत के मालिक या उस पर काम करने वाले किसान मज़दूर अगर दीपावली न मनाते हों तो क्या ऐसी मिठाई दीपावली पर ख़रीदी जा सकती है ? क्या ऐसे तबेलों में पली गाय-भैंस का दूध, घी, खोया, पनीर आदि दीपावली पर ख़रीद सकते हैं जिनके मालिक दीपावली न मनाते हों ? और हाँ, बादाम, काजू, अख़रोट, पिस्ता जैसे ज़्यादातर मेवे कहाँ से आते हैं ? बराये मेहरबानी डॉ. शरद अग्रवाल ज़रा यह भी बता दें कि अगले साल दीपावली पर “उन लोगों” के उगाये हुए ड्राय फ्रूट्स ख़रीद सकते हैं या नहीं ?

3-सवाल नंबर तीन

दिवाली पर गिफ़्ट में मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, टीवी, फ़्रिज जैसे महंगे आइटम बनाने वाली कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मालिकान उन धर्मों से ताल्लुक़ रखते हैं जो दीपावली नहीं मनाते। तो क्या अगले साल दीपावली पर इन कंपनियों के प्रोडक्ट्स ख़रीद सकते हैं या नहीं ?

इसी तरह कार, एस.यू.वी बनाने वाली कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मालिक दीपावली नहीं मनाते। क्या ऐसी कंपनियों की गाड़ियाँ ख़रीद सकते हैं ? और हाँ, इन गाड़ियों में जो ईंधन डाला जाता है, क्या वो ऐसे देशों से आयात किया जा सकता है जहाँ दीपावली न मनाई जाती हो ?

4- सवाल नंबर चार

लोग अपनी हैसियत के मुताबिक़ दीपावली पर नए कपड़े ख़रीदने की कोशिश करते हैं। इन कपड़ों को ट्रक या कन्टेनर में लादकर बरेली तक लाने वाले ट्रांसपोर्टर या उनके ड्राइवर अगर दीपावली नहीं मनाते हैं तो क्या ऐसे कपड़े ख़रीद सकते हैं ? क्या ऐसे मॉल्स, शोरूम्स और दुकानों से कपड़े ख़रीद सकते हैं जिनके मालिक या स्टाफ़ मेंबर्स दीपावली नहीं मनाते हैं ?

5- सवाल नंबर पाँच

क्या दीपावली की सजावट ऐसे इलेक्ट्रीशन से करवा सकते हैं जो दीपावली न मनाता हो ? और क्या ऐसे देशों या फ़ैक्ट्रियों में बनी लाइटें-झालरें लगवा सकते हैं जहाँ ज़्यादातर दीपावली न मनाने वाले लोग रहते हैं ? इसी तरह घर सजाने-संवारने के लिए ऐसे मिस्त्री, पेंटर, कारपेंटर से काम करवा सकते हैं जो दीपावली न मनाते हों ? और क्या ऐसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का बनाया सीमेंट, पेंट, पुट्टी वग़ैरह इस्तेमाल कर सकते हैं जिनके मालिक दीपावली न मनाते हों ?

किसी को हो न हो, मुझे तो पूरा यक़ीन है कि हमारे अति-समझदार डॉ. शरद अग्रवाल अगले साल दीपावली से पहले-पहले इन पाँचों सवालों के जवाब देकर हम सबको इतना ज्ञान ज़रूर दे देंगे कि हम सब मिलकर उनकी “प्रार्थना, हार्दिक इच्छा और कामना” पूर्ण कर सकें।_

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बहेड़ी विधायक व प्रदेश महासचिव अता उर रहमान के नेतृत्व में बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले

डॉक्टर अरशद मंसूरी ने मंसूरी समाज के लोगों को अपनी कविता के माध्यम से एक संदेश दिया है।

पीलीभीत सदर तहसील में दस्तावेज लेखक की गैर मौजूदगी में उसका सामान फेंका, इस गुंडागर्दी के खिलाफ न्याय के लिए कातिब थाना कोतवाली पहुंचा*