आज बरेली में परचम कुशाई की रस्म से हुआ पहला उर्से ए सक़लैनी का आग़ाज़
बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए बरेली से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट,
बरेली, आज दिनांक 05 अक्टूबर 2024 मुताबिक 1 रबीउल आख़िर हज़रत किब्ला शाह मोहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर के पहले सालाना उर्स की आज परचम कुशाई की रस्म अदा की गई।
बाद नमाज़ ज़ुहर दोपहर 2 बजे ख़ानक़ाह शरीफ़ के मेहमान खाने में नात ओ मनक़बत, व तकारीर प्रोग्राम का आगाज़ किया गया।
प्रोग्राम की सरपरस्ती सज्जादा नशीन हज़रत गाज़ी मियां हुज़ूर ने की और सदारत हाजी मुंतखब अहमद सकलैनी ने की।
निज़ामत (संचालन) मुख्तार सकलैनी तिलहरी ने की।
खुसूसी उल्मा ए किराम के बयान
प्रोग्राम में अल्लामा मौलाना आबिद क़ादरी साहब और अजमेर शरीफ़ से खादिम हज़रत इरफ़ान चिश्ती साहब, इस्लामी स्कॉलर अल्लामा शाहिद शेख़ साहब ने हज़रत मियां हुज़ूर अलैहिर्रहमा के पहले उर्स के पुरनूर मौक़े पर मियां हुज़ूर की पाक, नूरानी व रूहानी जिंदगी पर रौशनी डालते हुए बताया कि, हज़रत पीरो मुरशिद शाह मोहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर क़ादरी नक्शबंदी मुजद्दीदी शराफती की शख्सियत तअर्रुफ की मोहताज नहीं दुनिया आपको एक बड़े वली ए कामिल के तौर पर पहचानती है और आपकी शख्सियत को अपने ही नहीं बल्कि गैरों ने भी माना और आपके बुजुर्गी के क़ाइल हुए,अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने आपको वो शान अता की और चेहरे मुबारक में ऐसी चमक, नूर और वो रूहानियत पैदा की कि जो भी आपको एक नज़र देखता बस देखता ही रह जाता और दुनिया भूल जाता, यही वजह है कि आज पूरी दुनियां में आपके लाखों से भी ज़्यादा तादाद में मुरीद हैं और आपसे खूब फ़ैज़ पा रहे हैं
साहिबे सज्जादा की खुसूसी दुआ व हिदायत
प्रोग्राम 3 बजे तक चला इसके बाद खानकाह के साहिबे सज्जादा हज़रत गाज़ी मियां हुज़ूर ने फातिहा पढ़ी और खास दुआएं कराईं, अकीदतमंदों मुरीदों को किब्ला पीरो मुरशिद की तालीम आपस में मोहब्बत, इत्तिहाद,मेल-जोल के साथ रहने की हिदायत की।
रस्मे परचम कुशाई
प्रोग्राम के बाद 4 बजे परचम को हज़रत गाज़ी मियां हुज़ूर ने उठाकर परचम की रस्म अदा की, साहिबजादे हज़रत सादकैन सकलैनी व हाफ़िज़ गुलाम गौस सकलैनी ने परचम कुशाई की रस्म अदा की और परचम को आस्ताने शरीफ़ पर नस्ब कर दिया।
रस्मे परचम कुशाई में शामिल होने के लिए आस पास के ज़िलों मुरादाबाद, रामपुर, बदायूं , पीलीभीत, शाहजहांपुर आदि क्षेत्रों के गांव-कस्बों से बड़ी संख्या में अकीदतमंद जत्थे लेकर आए और चादर शरीफ़ मज़ार पाक पर पेश की।
परचम कुशाई में शामिल होने के लिए बदायूं के ककराला से 7 बसें आईं और काफी संख्या में मोटर साइकिल से लोग आए इसके अलावा मुरादाबाद, रामपुर, शाहबाद, शाही, बहेड़ी, फरीदपुर, शाहजहांपुर, महेशपुर आदि जगहों से हजारों की संख्या में अकीदतमंद जत्थे बनाकर चादर शरीफ़ के लेकर आए, और सभी लोग कोहाड़ापीर पर जमा होकर नैनीताल रोड, कुतुबखाना मार्ग से होते हुए दरगाह शरीफ़ पर आए, दरगाह पहुंचने पर साहिबे सज्जादा हज़रत गाज़ी मियां हुज़ूर ने सभी अकीदतमंदों का इस्तकबाल किया और परचम को खानकाह शरीफ़ पर नस्ब कराया।
रस्मे परचम में खास लोगों की शिरकत
जुलूस में खास तौर पर अल्लामा शाहिद शेख़, मौलाना रिफाकत नईमी, मुफ्ती फ़हीम सकलैनी अज़हरी, मुफ्ती रूममान क़ादरी, हाफ़िज़ गुलाम गौस, हाफ़िज़ जाने आलम, हमज़ा सकलैनी, जावेद अहमद, मुर्तुजा सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, मुंतसिब सकलैनी, ज़िया सकलैनी, हसीब रौनक, आमिल सकलैनी, हाजी लतीफ़ सकलैनी, इंतज़ार सकलैनी, मुकीत सकलैनी, फैसल सकलैनी आदि मौजूद रहे।
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