डॉक्टर अरशद मंसूरी ने मंसूरी समाज के लोगों को अपनी कविता के माध्यम से एक संदेश दिया है।
*मंसूरी* होकर *मंसूरी* का,
आप सभी सम्मान करो!
सभी *मंसूरी* एक हमारे,
मत उसका नुकसान करो!
चाहे *मंसूरी* कोई भी हो,
मत उसका अपमान करो!
जो ग़रीब हो, अपना *मंसूरी*
रोजगार देकर धनवान करो!
हो गरीब *मंसूरी* की बेटी,
मिलकर *कन्या दान* करो!
अगर लड़े चुनाव *मंसूरी* ,
शत प्रतिशत *मतदान* करो!
हो बीमार कोई भी *मंसूरी* ,
उसका दिल से सहयोग करो!
बिन घर के कोई मिले *मंसूरी* ,
उसका खड़ा मकान करो!
अगर *मंसूरी* दिखे भूखा,
भोजन का इंतजाम करो!
अगर *मंसूरी* की हो अटकी फाईल,
शीघ्र काम श्रीमान करो!
*मंसूरी* की लटकी हो राशि,
शीघ्र आप भुगतान करो!
*मंसूरी* को अगर कोई सताये,
उसकी आप पहचान करो!
अगर जरूरत हो *मंसूरी* को,
घर जाकर श्रमदान करो!
अगर मुसीबत में हो *मंसूरी* ,
फौरन मदद का काम करो!
अगर *मंसूरी* दिखे वस्त्र बिन,
उसे अंग वस्त्र का दान करो!
अगर *मंसूरी* दिखे उदास,
खुश करने का काम करो!
अगर *मंसूरी* घर पर आये,
तो उसका सम्मान करो!
हो गरीब *मंसूरी* का बेटा,
उसकी मदद तमाम करो!
बेटा हो गरीब *मंसूरी* का पढ़ता,
कापी पुस्तक दान करो!
लेखक समाजसेवी डॉक्टर अरशद मंसूरी फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश
मोबाइल-7905569021
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