चाइल्ड लाइन हेल्पलाइन की टीम ने नाबालिक जोड़े का विवाह होने से रोका

पीलीभीत संवाददाता शाहिद खान*

चाइल्ड हेल्पलाइन के  क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति अपने 15 वर्षीय पुत्री का बाल विवाह करने जा रहा है। सूचना मिलने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में चाइल्ड हेल्पलाइन परियोजना समन्वयक निर्वान सिंह, प्रभारी निरीक्षक थाना एएचटीयू मनोज कुमार मिश्रा एवं  थाना पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा मौके पर पहुँच कर जाँच की, तो मामला सही


पाया, बालिका का विवाह आज ही थाना क्षेत्र गांव गुलड़िया भूपसिंह निवासी एक व्यक्ति के साथ कराने जा रहे थे। विवाह समोराह गांव के ही बालाजी मंदिर में होना था। बारात आने की तैयारी चल रही थी, बालिका के हाथों में मेहंदी लग चुकी थी। टीम को देखकर गांव में हड़कम्प मच गया। बालिका के परिजनों से बालिका की आयु के संबंध में दस्तावेज मांगे, जिसमें शैक्षिक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया, जिसके अनुसार बालिका की आयु अभी 15 वर्ष 06माह 18 दिन पाई गई। टीम द्वारा परिजनों को हिदायत दी गई,बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार किसी भी 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह कानूनन अपराध है, जोकि बाल विवाह की श्रेणी में आता है, बाल विवाह करने वाले वयस्क पुरुष या बाल विवाह को संपन्न कराने वालों को इस अधिनियम की धारा-9 के तहत दो वर्ष के कठोर कारावास या 1 लाख रूपए का जुर्माना या दोनों सज़ा से दंडित किया जा सकता है। बालिका के परिजनों ने जाँच टीम को ग्राम प्रधान की मैजूदगी में लिखित में दिया गया कि वह अब अपनी बालिका की शादी 18 वर्ष पश्चात ही करेंगे। जांच टीम द्वारा बालिका को उसके परिजनों की मैजूदगी में बाल कल्याण समिति पीलीभीत के समझ प्रस्तुत किया जाएगा। समिति ने बालिका के परिजनों को आदेश दिया, वह बालिका का बाल विवाह न करें, अन्यथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। संयुक्त टीम में डीसीपीयू परामर्शदाता अभिषेक शुक्ला,  चाइल्ड हेल्पलाइन परामर्शदाता मनिष्टा गुल अंसारी, अमित कुमार एवं महिला सिपाही सुनीता सम्मिलित रही।

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