मुस्लिम मजलिस पार्टी के प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन अहमद लोकसभा क्षेत्र 64 गोरखपुर के चुनाव को रद्द कराने को उच्च न्यायालय में दाखिल करेंगे याचिका।
बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए लखनऊ से मुस्तकीम मंसूरी की रिपोर्ट।
मुस्लिम मजलिस के प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन अहमद का गोरखपुर में नामांकन रद्द किया जाना लोकतंत्र में लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है, नदीम सिद्दीकी
लखनऊ, लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के अंतिम चरण में होने वाले चुनाव लोकसभा क्षेत्र 64 गोरखपुर से मुस्लिम मजलिस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन
अहमद सहित 19 प्रत्याशियों के नामांकन पत्र रिटर्निंग ऑफिसर गोरखपुर द्वारा ख़ारिज किये गए,जिस पर मुस्लिम मजलिस के प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन अहमद का आरोप है की 7 मई से 10 मई तक नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों को मौखिक शपथ दिलाई गई, परंतु 13 मई और 14 मई को नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों को मौखिक शपथ ना दिलाकर प्रत्याशियों से यह कहना कि चुनाव आयोग के
निर्देशानुसार नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों से शपथ पत्र के द्वारा शपथ की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए शपथ पत्र मांगना और शपथ पत्र में त्रुटि के आधार पर नामांकन पत्र ख़ारिज करना चुनावी प्रक्रिया पर अपने आप में कई सवाल खड़े करता है, इस संबंध में गोरखपुर से आज लखनऊ आए मुस्लिम मजलिस के प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन अहमद ने पार्टी कार्यालय कैसर
बाग में मुस्लिम मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नदीम सिद्दीकी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में अपने नामांकन पत्र को ख़ारिज किये जाने को प्रशासनिक साजिश का हिस्सा बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में चुनाव लड़ना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके तहत मुस्लिम मजलिस पार्टी से गोरखपुर 64 लोकसभा क्षेत्र से उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया था, और उनका नामांकन पत्र प्रशासनिक साजिश के तहत ख़ारिज किया गया है, ज़मीरुद्दीन ने कहा कि वह अपना नामांकन ख़ारिज किए जाने के मामले को लेकर माननीय उच्च न्यायालय
में याचिका दाखिल कर
न्याय की गुहार लगाएंगे, इसकी जानकारी देते हुए ज़मीरुद्दीन अहमद
व मोहम्मद नदीम सिद्दीकी ने कहा कि नामांकन दाखिल करते समय की प्रत्याशी को शपथ दिलाना रिटर्निंग ऑफिसर की जिम्मेदारी होती है परंतु साजिश के तहत मुस्लिम मजलिस के प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन अहमद को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा शपथ ना दिलाने की अपनी त्रुटि को प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन के द्वारा शपथ पत्र दाखिल करवा कर शपथ पत्र प्राप्ति के माध्यम से शपथ लेने का शपथ पत्र देना ही नामांकन प्रक्रिया को पूर्ण दर्शाता है। गौर तलब है कि दाखिल शपथ पत्र को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रत्याशी का शपथ ना लेने का आधार बनाकर नामांकन खारिज किये जाना रिटर्निंग ऑफिसर की कार्यशैली पर सवालिया निशान है, क्योंकि रिटर्निंग ऑफिसर की हस्ताक्षर युक्त शपथ पत्र प्राप्ति प्रत्याशी के पास मौजूद होना भी रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका को संदिग्ध ठहराती है।
प्रत्याशी ज़मीरुद्दीन अहमद व मुस्लिम मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नदीम सिद्दीकी एडवोकेट ने बताया की वह नामांकन रद्द किए जाने के मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यालय में 64 गोरखपुर लोकसभा सीट का चुनाव को रद्द कराने के लिए याचिका दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका पूर्णता संदिग्ध है।
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