परमाणु हथियार निवारक के रूप में काम नहीं करते - आईडीपीडी परमाणु हथियारों की प्रशंसा करने वाला प्रधानमंत्री मोदी का बयान त्रुटिपूर्ण है
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परमाणु हथियार निवारण का काम नहीं करते; इसके बजाय उनकी उपस्थिति परमाणु युद्ध के बढ़ने का लगातार खतरा पैदा करती है। यह बात इंडियन डॉक्टर्स फॉर पीस एंड डेवलपमेंट (आईडीपीडी) ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कही। मीडिया में छपी खबर में प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र के पिपरिया में एक रैली के दौरान कहा, 'परमाणु निरस्त्रीकरण की बात करने वाले देश की रक्षा नहीं कर सकते.' यह पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण बयान है और तथ्यों से परे है।
वर्तमान समय में पूरी दुनिया यूक्रेन और मध्य पूर्व में चल रहे युद्धों के परिणामस्वरूप परमाणु खतरे से चिंतित है। डॉ. एस एस सूदन-संरक्षक, डॉ. अरुण मित्रा-अध्यक्ष और डॉ. शकील उर रहमान-महासचिव ने कहा कि विश्व को तबाही से बचने का एकमात्र तरीका परमाणु हथियारों को खत्म करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ पहले ही परमाणु हथियारों के निषेध पर एक संधि (टीपीएनडब्ल्यू) पारित कर चुका है। इस संधि को पहले ही 70 देशों द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। भारत को परमाणु बयानबाजी की बजाय परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। यह सर्वविदित है कि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश होने के बावजूद कारगिल युद्ध हुआ। किसी देश की सुरक्षा युद्धोन्माद के बजाय नागरिकों को रोजगार, आजीविका के साधन, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करने में निहित है।
डॉ अरुण मित्रा
एमबीबीएस; एमएस (ईएनटी सर्जन)
अध्यक्ष आईडीपीडी
139 ई किचलू नगर, लुधियाना - 141001
मो:9417000360
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