दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में हुए दंगों के एक मामले में 11 आरोपियों को आरोपमुक्त किया।

 नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2020 में हुए दंगों के एक मामले में 11 आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए कहा कि उन पर कथित अपराध करने का कोई गंभीर संदेह नहीं है।


अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला 11 लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिन पर 23 फरवरी, 2020 को दयालपुर के शेरपुर चौक पर दंगा, पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी करने वाली भीड़ का हिस्सा होने का आरोप था।

मामले के साथ नौ अन्य शिकायतें भी जोड़ी गई थीं।अदालत ने कहा, “यह नहीं कहा जा सकता कि इस मुकदमे में जिन घटनाओं का जिक्र किया गया, उनमें से किसी में भी आरोपियों की संलिप्तता को लेकर गंभीर संदेह है। वास्तव में मामले में जोड़ी गईं अन्य शिकायतों से संबंधित घटना के लिए दोषी पाए जाने के संबंध में कोई विशेष सबूत नहीं है…।”

चार मार्च के एक आदेश में, अदालत ने कहा कि यह दिखाने के लिए कोई विशेष सबूत नहीं है कि आरोपी आपराधिक साजिश में शामिल थे।

न्यायाधीश ने कहा, “मुझे लगता है कि आरोपी अजमत अली, शादाब आलम, नावेद, मोहम्मद शाहिद, मोहम्मद शाकिर, नदीम, मोहम्मद सोहेल, सुल्तान अहमद, वाजिद, सुलेमान और मोहम्मद फईम आरोपमुक्त होने के हकदार हैं। इसलिए, इस मामले में सभी आरोपी व्यक्तियों को आरोप मुक्त किया जाता है।”

अदालत के अनुसार दो चश्मदीद गवाहों के बयान ‘अस्पष्ट’ थे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बहेड़ी विधायक व प्रदेश महासचिव अता उर रहमान के नेतृत्व में बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले

संविधान दिवस के मौके पर अंबेडकर पार्क में विधायक अतौर रहमान द्वारा लगवाई गई सोलर लाइट

डॉक्टर अरशद मंसूरी ने मंसूरी समाज के लोगों को अपनी कविता के माध्यम से एक संदेश दिया है।