बज्मे फ़राज़ ए अदब और अनहद सार फाउंडेशन का गालिब अकेडमी में यौमे जम्हूरियत का शानदार मुशायरा

 बज़्मे फ़राज़-ए-अदब, रजिस्टर्ड और अनहद सार फाउंडेशन(पंजी) ने गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर एक विशाल अंतर राष्ट्रीय मुशायरा व कवि सम्मेलन, ग़ालिब ऑडोटोरियम व एकेडमी, हज़रत निज़ामुद्दीन, नई दिल्ली-13 में आयोजित किया।

   जिसकी अध्यक्षता सीमा कौशिक मुक्त ने की, जबकि संचालन खुद सरफ़राज़ अहमद फ़राज़ देहलवी(चेयरमैन: बज्मे फ़राज़ ए अदब) ने बा खूबी किया और फोजिया अफजाल,फाउंडर अनहद सार फाउंडेशन ने सभी मेहमानों का स्वागत किया।

मुख्य अतिथि के रूप में शौकत मुफ्ती(सी. ओ.जामिया हमदर्द), डॉक्टर अकील अहमद , शैदा अमरोही, मतीन अमरोही, राजिंदर निगम राज, मास्टर फुरकान(अध्यक्ष उर्दू बचाओ तहरीक), इंदु राज निगम,सपना एहसास, संतोष संप्रति,प्रदीप अजनबी,पयंबर नकवी,इंदु राज निगम, संजय जैन आदि और अतिथि के रूप में हशमत भारद्वाज,एहतराम सिद्दीकी,सुरिंदर सिफ़र,गोल्डी गीतकार, रविंद्र शर्मा शिकन,डॉक्टर रियाज़

मालिक,गुलबहार सिद्दीकी,सीमा शर्मा मंजरी(मेरठ), बादशाह नसीम,रचना निर्मल,सरताज सबीना,कमल पुंडीर,इस्मत शिफा ज़ैदी,इरफान आज़मी जुबैरी,कौसर परवीन कौसर,अरुण साहिबावादी आदि कवि सम्मेलन की शोभा बढ़ाई और अपना बेहतरीन कलाम पढ़ा।


  मुशायरा व कवि ने भी सम्मेलन में निम्न कवियो ने कलाम पढ़ा.....

  मास्टर निसार,नईम बदायुनी,रहमान मंसूर,अजय अक्स, इंजीनियर महिंदर सिंह,डॉक्टर शुभम,स्नेह लता स्नेह,दानिश अय्यूबी,रविंद्र भूषण,नयन नीरज,दिनेश शर्मा,भारती,नय्यर आज़मी,ज़फर कानपुरी, कासिर सेहसवानी,आरिफ देहलवी आदि।

  पेश हैं कुछ अछार आपके लिए.......


   करम कर करम ए खुदाए मोहब्बत।

के मुझ से हुई है खताए मोहब्बत।।

  जहां तू ने देखा था मुड़ मुड़ के मुझको।

  वहीं से हुई इब्तेदाए मोहब्बत।।

 सरफ़राज़ अहमद फ़राज़ देहलवी


इंसान तो बे जान सा पत्थर भी नहीं है।

तू कोई फरिश्ता या पयम्बर भी नहीं है।।

         पयम्बर नकवी


जहां भी हो वो गुज़र के यहीं से जायेगा।

मिरा मकान है उसके मकान के पास।।

  सीमा कौशिक मुक्त


बिछाए रहती हो पलकों को जिनकी राहों में।

ये ही हैं वक्त पे आंखे दिखाने वाले लोग।।

   फोजिया अफजाल फिजा


अगर ऐ ना खुदा तूफान से लड़ने का दम खम है।उधर कश्ती ना लेकर जाना, जिधर पानी कम है।।

        सुरिंदर सिफ़र

   

एक हफ्ता बाज़ की तबियत खराब क्या रही।

फाख्ता को ये लगा आसमां मेरा हुवा।।

        गोल्डी गीतकार

 

तुम्हारे कहने से मैं कुछ भी ना समझा।

लेकिन इनको देखा तो यह समझा कह क़यामत क्या है।।

      विजय शंकर शिकन

    बज्म की अध्यक्ष सीमा कौशिक मुक्त ने मुशायरे की बहुत तारीफ की ओर आखीर में फोजिया अफजाल(फाउंडर अनहद फाउंडेशन)ने सभी मेहमानों का आभार प्रकट किया।

   सरफ़राज़ अहमद फ़राज़ देहलवी ,और फौजिया अफजाल ,फाउंडर अनहद सार फाउंडेशन(पंजी) ने भी सभी मेहमानों का दिल से आभार प्रकट किया।

  मुशायरा व कवि सम्मेलन में आखीर तक लोग बैठ कर शांति से लुत्फ लेते रहे।

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