एक करोड़ खाली हैं सरकारी पद, क्यो नहीं हो रही भर्ती: सांसद* *जनसंवाद के दौरान सांसद वरुण गांधी ने व्यवस्था पर उठाए सवाल*
बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए पीलीभीत से शाहिद खान की रिपोर्ट*
पीलीभीत। सांसद वरूण गांधी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रविवार को पूरनपुर ब्लॉक क्षेत्र में जनसंवाद आदि कार्यक्रमों को संबोधित किया। इस दौरान सांसद ने कहा कि गांव के लोगों ने हमेशा मेरा और मेरी मां का सहोयाग किया जिसे कभी भुलाया नही जा सकता। यह जिला उनका परिवार है।
उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में जब आंदोलन हुआ था, जिसमें 500 से अधिक किसान शहीद हुए थे। कोई भी सांसद उनके दुख, दर्द सुनने नहीं पहुंचा और न ही कोई उनके पक्ष में बोला। लेकिन देश का एकलौता सांसद हूं, जिसने उन पीड़ित किसानों के लिए आवाज उठाई। सांसद ने कहा कि आज एक करोड़ सरकारी पद खाली हैं, आखिर ऐसा क्यो हैं, भर्ती क्यों नहीं की जा रही है। मौजूदा समय में गावं-गांव में बेराजगारी है। लोग अपने परिवार को छोड़कर 500 किलो मीटर कमाने जाते हैं।सांसद ने कहा कि अस्पताल में अगर कोई सेठ पहुंच जाए तो उसकी खिदमत में सब लग जाते हैं। बेड मिल जाता है, लेकिन अगर गरीब दवा लेने जाए तो उसकी कोई भी नहीं सुनता हैं। उसको फर्श पर इलाज होता है। लोन व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सांसद ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि करोड़ पतियों को आसानी से लोन मिल जाता है, लेकिन एक आम आदमी को लोन के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं। रिश्तव देनी पड़ती है, ऐसा क्यो। संविदा कर्मचारियों के हक में बोलते हुए सांसद ने कहा कि यह जो आशा, आंगनबाड़ी, शिक्षा मित्र हैं, खून के आंसू रो रहे हैं। नियमित करने, मानदेय बढ़ने की बात तो की जाती है पर होता कुछ नही। नई नौकरी नहीं दी जा रही हैं। प्राइवेट संस्थाओं के माध्यम से भर्ती की खानापूर्ति की जा रही है, जब चाहे रखे जब चाह हटा दें। यह व्यवस्था इस देश में चल रही है। मैं इस तरह की राजनीति के खिलाफ हूं, जिसमें आम आदमी की अनदेखी की जा रही हो। आजादी के इतने साल हो गए, लेकिन आज भी आम आदमी को दबकर अधिकारी और पुलिस से अपनी बात रखनी पड़ती है। यह तो अंग्रेजों के जमाने में होता था। लेकिन अब यहां हो रहा है, ऐसा क्यो। न तो अधिकारी सुनते हैं और न ही अन्य जिम्मेदार। सांसद वरुण गांधी ने कहा कि भारता माता की सही मायनों में तभी जय होगी जब सारे संतानों की इज्जत एक समान होगी। सांसद बोले कि मैनें कभी भी समझौत की राजनीति नहीं की है। मैने हमेशा सिद्धांतों की राजनीति की है। वह अकेले ऐसे सांसद है, जिसने 15 साल में सांसदी का एक भी रुपया नहीं लिय। घर और कोई भी सुख सुविधा नहीं ली, एक भी गाड़ी नहीं ली। पीलीभीत में न तो कोई जमीन, न ही मकान लिया। बाकी ऐसे लोग भी हैं जिनको एक बार मौका मिलता है उनका हुलिया बदल जाता है। गाड़ी बदला जाती है, घर बड़े हो जाते हैं। ऐसे लोग बाद में कॉलोलियों काटते हैं। यह सब चोरी नहीं है तो क्या है। लेकिन मैंने आज ईमानदारी की राजनीति की है और साधारण जीवन जी रहा हूं। कोविड कॉल के दौरान पीलीभीत वासियों के लिए ऑक्सीजन के साथ ही दवा, भोजन आदि की व्यवस्था की। यह पीलीभीत हमारा है
और हम पीलीभीत के है। पीलीभीत के लोगों से मुझे बहुत प्यार है। जनसभा के बाद सांसद ने आनंद वर्मा के घर जाकर शोक संवेदन व्यक्ति की। कार्यक्रम के दौरान कमलकांत, राजू आचार्य, नवीन अलख, बलजीत सिंह, दीपक पाण्डेय, सूरज शुक्ला, रंजीत सिंह, पप्पू सिंह, राहुल पांडेय बूटा, अगमवीर, ओमपाल, शिवकुमार, ध्रुव सिंह, आशीष आदि मौजूद रहे।
सांसद ने बांटे टेबलेट
सांसद वरुण गांधी ने गुलाबटांडा में जनसभा के बाद राजकीय पॉलीटेक्निक में छात्र-छात्राओं को टेबलेट वितरण किए। इसके बाद कलीनगर, मैनाकोट, मल्लपुर न्यूरिया, करेलिया, पिपरिया संतोष, नवदिया सुखदासपुर, दयालपुर, लक्ष्मीपुर, जमुनिया, बांसखेड़ा, रानीगंज आदि जनसभाएं की।
सुबह में सांसद ने शंकर सॉल्वेंट पर जनसमस्याएं सुनी और उनके निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। सांसद शहर में पूर्व सभासद लियाकत उस्मानी के घर भी गए और उनकी पत्नी के निधन हो जाने पर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की।
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