मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और गैंगरेप की घटना के प्रतिरोध में #मणिपुर हम शर्मिंदा हैं के शीर्षक से दखल सङ्गठन की ओर से कैंडल मार्च और सभा आयोजित हुई।

 आज गुरुवार 20/07/2023 को मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और गैंगरेप की घटना के प्रतिरोध में #मणिपुर हम शर्मिंदा हैं के शीर्षक से दखल सङ्गठन की ओर से कैंडल मार्च और सभा आयोजित हुई।

सर्वसेवा संघ परिसर से राजघाट तक आयोजित हुए इस प्रतिरोध कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष इकट्ठा हुए और हिंसा, उत्पीड़न, उपद्रव और अराजकता का जो अंधेरा छाया हुआ है उसपर गम्भीर असहमति दर्ज कराई।

सभा मे वक्ता ने कहा कि मणिपुर से बहुत ही ज्यादा खतरनाक वीडियो सामने आया है जिसको देखकर मैं पूरी रात सो नहीं पाई हूं। ये घटना ढाई महीने पहले की है और FIR भी दर्ज हुआ है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मुझे शर्म आ रही है कि केंद्र सरकार पिछले तीन महीने से चुप बैठी है और पीएम ने इस पर एक भी बयान नहीं दिया है। हम आज मणिपुर के सीएम और पीएम मोदी से माँग करते हैं कि 

1 मणिपुर में हिंसा और अराजकता का जो तांडव चल रहा है उसे खत्म किया जाए ।

2 मणिपुर से 2 कुकी आदिवासी महिलाओं की सड़क पर नग्न परेड और  गैंगरेप के करवाने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।


आज मान0 सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा है। स्वयं CJI का कहना है कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है, सांप्रदायिक झगड़े के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि जो वीडियो सामने आए हैं उससे हम बेहद परेशान हैं। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे


अगले वक्ता ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करे। संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यह बहुत परेशान करने वाला है। राज्य सरकार को बर्खास्त करने की जरूरत हो तो भी ऐसी अराजक स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए करने से पीछे नही हटना चाहिए।

हम पूछना चाहते हैं कि केंद्र और मणिपुर सरकार ने अपराधियों को सजा दिलाने के लिए अब तक क्या कार्रवाई की है। वीडियो में दिखाई देने वाला दृश्य सिहरन पैदा करने वाला है। मणिपुर में गंभीर संवैधानिक उल्लंघन हो रहा है।महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करना बर्बर है अमानवीय है।

राजघाट परिसर में सर्व सेवा संघ को बुलडोज करने की भाजपा सरकार की साज़िश के खिलाफ 61 दिन से लामबंद सर्वोदयी गाँधीजनो ने आज के धरने को मणिपुर की इस भयावह घटना के प्रतिरोध के नाम पर समर्पित कर दिया। 

राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर में देश को शर्मसार करने वाली इस नग्न परेड और गैंगरेप की घटना पर आक्रोश व्यक्त किया गया और देश मे गांधी की धारा की राजनीति का जो क्षरण हुआ है उसे ही इस अराजकता और हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया। गांधी हत्या के लिए दोषी विचारधारा इस समय सत्ता में है। ये वैचारिकी महिला विरोधी है। मांसल है पितृसत्ताक है। ये वंचितों को, पीड़ितों को, दलित महिला अल्पसंख्यको को दबाने की सोच रखते हैं।

इनका मुखर प्रतिवाद जरुरी है। ये हिंसा दुख और घृणा के दिन बदलने ही होंगे। नया भारत नया समाज बनाने के लिए संघर्ष को अब निर्णायक बनाना होगा।

दखल सङ्गठन के नेतृत्व में आयोजित हुए कार्यक्रम का संचालन दीक्षा ने किया कार्यक्रम प्रमुख रूप से नीति,रणधीर,वंदना,एकता,नीतू, जगृति राही, अदिति, अफसाना, फातिमा, रुखसाना,इन्दु,धन्नजय, रवि,अनुज, राजीव यादव, जिंतेंद्र, नीरज,विवेक, डॉ. आरिफ,अमित, हरिश्चंद्र बिंद, जीवन राठौर ,रामधीरज, उज्ज्वल, विनोद, आदि लोग मौजूद रहे।


प्रेषक

इन्दु

दख़ल संगठन, वाराणसी

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