इस्लाम धर्म में मोहर्रम की पहली तारीख से शुरू होता है इस्लामिक नया साल,
बेताब समाचार एक्सप्रेस के लिए अरशद अली की रिपोर्ट,
इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है मोहर्रम|शहर के अमन को कायम रख मोहर्रम व सावन मनाए लोग, शहर काजी़
फतेहपुर, इस्लाम धर्म में नया साल मोहर्रम की पहली तारीख से शुरू होता है| इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोहर्रम बड़े ही श्रद्धा के साथ पूरे जनपद में मनाया जाता है| यह बात शहर काजी फरीदुद्दीन कादरी ने कही|
उन्होंने कहा कि मजहबे इस्लाम की खातिर इमाम हुसैन ने अपने साथियों के साथ मैदान ए कर्बला में अपना सब कुछ कुर्बान करके रहती दुनिया तक के इंसानों को यही पैगाम दिया कि खव्वाह उनकी जान चली जाए मगर इस्लाम व इंसानियत पर आंच ना आने पाए| शहर काजी ने कहा कि यज़ीद के जुल्म मानवता विरोधी कृतियों के विरोध में नवासा ए रसूल इमाम हुसैन ने खड़े होकर उसका मुंहतोड़ जवाब दिया| चूंकि जब जुल्म हद से ज्यादा बढ़ जाता है तो कोई उसे रोकने वाला आता है| यज़ीद इस्लाम के उसूलों को मिटा रहा था और इमाम हुसैन उसको बचाने आए| कर्बला में इमाम हुसैन ने सिर्फ इस्लाम ही नहीं बल्कि सारी इंसानियत के ईमान की हिफाजत की| जालिम का साथ ना देकर इमाम हुसैन ने तमाम इंसानों को यह सबक दिया जी चाहे जान चली जाए मगर जालिम का साथ ना दिया जाए| उन्होंने कहा कि फतेहपुर गंगा जमुनी तहजीब का मिसाली शहर है| लिहाज़ा शहर के आमनो-अमान को कायम रखकर दोनों समुदाय के लोग मोहर्रम व सावन में पढ़ने वाली कावर यात्रा भाईचारा के साथ संपन्न कराकर जिले के गौरवशाली इतिहास को मजबूत करें|
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