वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन और एंकर गीतांजलि अय्यर के निधन पर पत्रकारों ने अर्पित की श्रृद्धांजलि तथ्यपरक पत्रकारिता के प्रेरणास्रोत थे मनमोहन जी : अनवार अहमद नूर (डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब)

नई दिल्ली। (संवाददाता)

राजधानी दिल्ली ही नहीं वरन संपूर्ण देश में यह दुख भरी ख़बर जब सुनी गई कि पत्रकारिता के स्तंभ रहे मनमोहन जी अब हमारे बीच में नहीं रहे तो पूरे मीडिया जगत को दुख का भारी झटका लगा है। और आज दिल्ली सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से शोक सभाएं और शोक श्रृद्धांजलि देने के समाचार प्राप्त हुए हैं। रात्रि में जब ये दुखद ख़बर सोशल मीडिया पर आई तो रात्रि से ही शोक श्रृद्धांजलि अर्पित की जा रही है। रात्रि में ख़बर मिली कि वरिष्ठ पत्रकार, कालम लेखक मनमोहन जी का नई दिल्ली के एम्स में लगभग 72 साल की आयु में निधन हो गया है। साथ ही साथ दूरदर्शन की  मशहूर एंकर गीतांजलि अय्यर के निधन की भी दुखद ख़बर मिली है।  गीतांजलि अय्यर ने 1971 में दूरदर्शन में काम करना शुरू किया था। टीवी पत्रकारिता में उन्होंने कई कीर्तिमान भी स्थापित किए। उन्हें चार बार सर्वश्रेष्ठ एंकर का पुरस्कार मिला था।




आज आईटीओ पर प्रताप भवन में वरिष्ठ पत्रकारों और साथियों ने अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की। पूर्वी दिल्ली के खजूरी चौक पर स्थित एक समाचार पत्र के कार्यालय में भी अनेक पत्रकारों ने मनमोहन जी और एंकर गीतांजलि अय्यर के निधन पर शोक जताया। प्रताप भवन में शोक व्यक्त करने वालों में डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब के सईद अहमद, इक़बाल अहमद, इमरान कलीम, अनवार अहमद नूर, जावेद रहमानी, परवीन कुमार, सलमान, बृजेश,शक्ति माथुर,फहद भाई, तुषार मिश्रा, आदि हैं जबकि पूर्वी दिल्ली में शोक व्यक्त करने वालों में मैडम रानी खान,मौ सलीम इदरीसी,शान मौहम्मद, ललिता देवी, मौलाना अब्दुल रशीद, मैडम शालू,वसीम अहमद आदि रहे।


वरिष्ठ पत्रकार और डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब से जुड़े अनवार अहमद नूर ने अपनी शोक श्रृद्धांजलि व्यक्त करते हुए बताया कि मनमोहन जी एक अच्छे व्यक्तित्व के मालिक और दयालु प्रवृत्ति के थे वह बड़े मीडिया संस्थान हिंदुस्तान टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया और नवभारत टाइम्स में सम्पादक और ट्रिब्यून से सेवानिवृत होने के बाद संडे गार्जियन के लिए लगातार अपना कालम लिखते रहे। उनके लेख पंजाब केसरी सहित अनेक अखबारों में भी छपते थे। मैं उनसे कई बार आईएनएस बिल्डिंग में पंजाब केसरी के दफ्तर में मिला। और बहुत कुछ सीखने को मिला। अनेक जानकारियां बड़ी निष्पक्षता और इतिहास की किताबों के हवाले से देते थे। मैट्रो खुदाई के दौरान जब सुभाष पार्क में एक मस्जिद निकली तो उसकी सही जानकारी उन्होंने मुझे बताई। और इतिहास की किताब का हवाला भी दिया। उनके लेख बड़े ज्ञानवर्धक और तथ्यों पर आधारित होते थे। वह  तथ्यपरक पत्रकारिता के प्रेरणास्रोत थे।


वेब वार्ता न्यूज़ एजेंसी के मुख्य संपादक सईद अहमद ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह सच्ची अच्छी और वास्तविक मीडिया के स्तंभ थे। 


जर्नलिज्म टुडे के संपादक जावेद रहमानी ने 


मनमोहन जी और दूरदर्शन की एंकर गीतांजलि अय्यर को अपनी शोक श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इनका दुनिया से जाना पत्रकारिता जगत की अपूर्णीय क्षति है।



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