84 के दंगों पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का वर्ल्ड प्रीमियर 30 अक्टूबर को
84 के दंगों पर आधारित बहुप्रतीक्षित डॉक्यूमेंट्री "1984-सिखों का नरसंहार, 38 साल का अन्याय और मानवता के खिलाफ अपराध" को ग्लोबल मिडास कैपिटल ने किसी ओटीटी प्लेटफॉर्म को देने की बजाय यूट्यूब पर अपलोड करने का फैसला लिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें और पीड़ितों की 38 वर्ष लंबी लड़ाई और उनके दर्द को महसूस कर सकें। 30 अक्टूबर 2022 को सुबह 9 बजे ग्लोबल मिडास फाउंडेशन यूट्यूब चैनल पर इस डॉक्यूमेंट्री का वर्ल्ड प्रीमियर किया जाएगा। इस डॉक्यूमेंट्री में 1984 के दिल्ली दंगों के पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों, वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के इंटरव्यू शामिल हैं। जिनके माध्यम से दिल्ली, कानपुर और बोकारो में 31 अक्टूबर 1984 से 7 नवंबर 1984 के बीच हुई घटनाओं को समझने की कोशिश की गई है। इसमें कानपुर के 127 सिख नरसंहार के मामलों को विस्तार से कवर किया गया है।
ग्लोबल मिडास फाउंडेशन के संस्थापक सरदार इंदरप्रीत सिंह का कहना है कि हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूदा हालात और महत्वपूर्ण चिंताओं को पहली बार व्यापक पैमाने पर दुनिया के सामने रखा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, धार्मिक और राजनीतिक नेतृत्व आदि द्वारा पीड़ितों के पुनर्वास के जो वादे किए गए थे, उन पर कितना अमल हुआ और पुनर्वास के पीछे की असली सच्चाई क्या है, वह सब इसमें जनता के सामने रखा गया है। इंदरप्रीत सिंह ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री के निर्माण में शामिल लोगों को लगातार धमकियों, हमलों और दबावों का सामना करना पड़ा है। पहले डॉक्यूमेंट्री को बनाने से रोका गया और अब रिलीज रोकने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना है कि यह फिल्म जनसंहार पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में मामले को उठाने, लोकतांत्रिक अधिकारों, नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए लड़ने वालों को एक मजबूत आधार प्रदान करेगी। फिल्म निर्माता ने आम जनता और संगत से दिल्ली और पंजाब में इसकी मुफ्त स्क्रीनिंग करवाने की अपील भी की है। उन्होंने बताया कि यूट्यूब पर प्रीमियर से प्राप्त धनराशि का 50% हिस्सा पीड़ितों के पुनर्वास पर खर्च किया जाएगा और बाकी का इस्तेमाल इसी मुद्दे पर एक अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म बनाने के लिए किया जाएगा।
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