विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष कविता)

 विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष कविता)

संजीव-नी।
पर्यावरण संरक्षण।

पर्यावरण संरक्षण
हमारी जिम्मेदारी,
न्यारी धरती प्यारी,
शुद्ध हवा भी प्यारी,
जिंदगी हमारी न्यारी।

आओ कुछ वृक्ष लगाएं,
इस धरा को बचाएं,
अपने कर्मों से सजाएं,
पर्यावरण को बचाएं।

जिस पर्यावरण ने
हमें दिया है,
जीवन इतना प्यारा,
भव संसार इतना न्यारा,

निर्झरिणी नदिया पोखर
से जल हम तक आता,
एहसान मंद है
पूरा का पूरा संसार सारा।

स्वच्छ हवा में हम लेते हैं सांस,
शुद्ध जल से बुझती हमारी प्यास
पर्यावरण हमारी जिंदगी की आस,
हम शुद्ध रखे हवा पानी आसपास।

हम स्वार्थी हो चुके कितने,
कल कारखाने बना दिए इतने,
काटकर जंगल हमने
बेच दिए न जाने पेड़ कितने।

एयर,कंडीशनर,कूलर और
स्कूटर, कार ,वायुयान
प्रकृति और पर्यावरण की
खत्म कर दी सब ने जानl

अब जीव ,जंतु, वनों
और मानव जाति को हमें
इन विसंगतियों से बचाना है,
हमे पर्यावरण पूरा बचाना है।

शपथ पूर्वक प्रण लेते हैं
पूरे मानव जीवन में
सौ सौ वृक्ष हम लगाएं ,
इस धरा को स्वर्ग बनाएं।

संजीव ठाकुर, रायपुर छत्तीसगढ़, 9009 415 415

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