कोर्ट की रोक के बाद भी चलता रहा एमसीडी का बुलडोजर।*
*वो दिल कहां से लाऊं, जो यहां का दर्द कर सके बयां।*
** अनवार अहमद नूर **
*जहांगीरपुरी में हुई हैएमसीडी की बुलडोजर कार्रवाई *
*कोर्ट की रोक के बाद भी बुलडोजर नहीं रुका*
* मस्जिद के सामने का भाग टूटा जबकि मंदिर का बाल-बाल बचा*
*मस्जिद के पास लगातार ड्रोन से की जाती रही निगरानी*
* लोगों ने कहा यह एकतरफा और बदले की कार्रवाई है*
*नौ से अधिक जेसीबी मशीनें यानी बुलडोजर और विभिन्न दस्तों तथा सुरक्षा बलों के बीच जहांगीरपुरी में आज सुबह सवेरे से ही बुलडोजर की झनझनाहट से सी ब्लॉक और आस पास का इलाका गूंज रहा था ।
एमसीडी की बुलडोजर कार्यवाही में जिसे आनन-फानन में फैसला लेकर किया गया और लोगों को नोटिस देना तो दूर की बात लोगों को अपना सामान हटाने तक का भी समय नहीं दिया गया। *
मीडिया और पत्रकारों से लोगों ने जो व्यथा बयान की या प्रतिक्रिया व्यक्त की वह बहुत कुछ समझने के लिए काफी है -
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि खाकी , सरकार कलम कोई निष्पक्ष नहीं है तो दूसरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को नकारा गया तो एक ने कहा के अधिकारियों ने झूठ और मक्कारी से काम लिया तो एक ने कहा कि एमसीडी रिश्वतखोर है जब यह अवैध अतिक्रमण बनते हैं तो वह रिश्वत लेते हैं और चले जाते हैं और आज उन्हें पता चलता है कि यह अवैध है।
जमात-ए-इस्लामी, जमीयत उलमा ए हिंद, मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन और इसके अलावा कई अन्य मुस्लिम बड़े संगठनों के प्रतिनिधि भी सहानुभूति प्रदर्शित करने पहुंचे और इन्होंने मदद की बात की मगर जिस तरीके से प्रभावित लोग अपनी पीड़ा बयान कर रहे हैं वह सुनकर वास्तव में कलेजा मुंह को आता है। और समझ नहीं आता कि आखिर ऐसा करने वालों के पास मानव दिल है भी या नहीं । यह लोग ऐसा क्रूरता वाला कार्य, कानून का नाम लेकर कैसे कर सकते हैं-?
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