सारे मुसलमानों को चाहिए कि अपनी जिंदगी कुरान और हदीस के मुताबिक गुज़ारें"
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मदरसा फ़ैज़ उल उलूम मिर्ज़ापुर पोल में दस्तारबंदी व पुरस्कार वितरण समारोह का पैग़ाम।
उम्मत के नौजवान- बच्चों को दीनी व आधुनिक शिक्षा से सुसज्जित करना समय की मुख्य आवश्यकता : मौलाना ज़हूर साहब
मिर्ज़ापुर पोल ( सहारनपुर) /नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर)
मदरसा फ़ैज़ उल उलूम मिर्ज़ापुर पोल में एक दस्तारबंदी, फज़ीलत व पुरस्कार वितरण के मौके पर एक अज़ीम ओ शान दीनी समारोह का आयोजन किया गया जिसमें मदरसे के विभिन्न विभागों के कुल 138 विधार्थीयों को दस्तार फज़ीलत बांधकर पुरस्कार व ट्राफी वगैरह से हौसला अफ़ज़ाई की गई। समारोह का शुभारंभ क़ुरआने करीम की तिलावत और नात नबवी से किया गया।
मौलाना तय्यब क़ासमी और मौलाना अब्दुल खालिक मज़ाहिरी ने संयुक्त रूप से समारोह का संचालन करते हुए जलसे के सभी मेहमानों का परिचय कराया। अध्यक्षता हज़रत मौलाना मोहम्मद सुफियान साहब मोहतमिम दारुल उलूम वक्फ देवबंद ने की। समारोह में बेंगलुरु, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, दारुल उलूम व मज़ाहिर उलूम सहित आसपास के उलेमा मुहददीसीन और इस्लामी विद्वानों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। 29 विद्यार्थियों को क़ुरआने करीम की तकमील हज़रत मौलाना ज़हूर अहमद ज़िला अध्यक्ष जमीअत उलेमा ए हिंद ने कराई और मौलाना ने बयान करके फरमाया कि सारे मुसलमानों को चाहिए कि अपनी जिंदगी कुरान और हदीस के मुताबिक गुज़ारें और समाज में मौजूद बुराईयों - नशा, शराब, जुआ और अनैतिकता जैसे कार्यों से हमेशा बचाव करें। मौलाना मोहम्मद सुफियान साहब ने मिशकॉत शरीफ़ की आखिरी हदीस का दर्स देते हुए फरमाया कि फारिग़ होने वाले विद्यार्थियों को अपनी जिंदगी कुरान व हदीस के अनुसार गुज़ारनी चाहिए और कौम की नई पीढ़ी को तालीम से रोशन करना चाहिए। इसके अलावा न्याय और पवित्रता पर भी जोर दिया। और विद्यार्थियों को क़ुरआने करीम की तालीम तकरीब मौलाना अब्दुल सत्तार साहब ने कराई और फरमाया कि सारे मुसलमानों को सुबह व शाम क़ुरआने करीम की तिलावत करनी चाहिए। इसके अलावा कुरान पढ़ने और पढ़ाने वालों से भी हमें मोहब्बत रखनी चाहिए और दलील देते हुए फरमाया कि कुरान पढ़ने और पढ़ाने वालों से मोहब्बत रखने वालों को अल्लाह पाक अपने खास ईनामात से नवाज़ता है। इस तरह मौलाना मोहम्मद मोहसिन मदनी (सुपुत्र मौलाना सैयद अरशद मदनी) ने देश की अखंडता के लिए देश से मोहब्बत रखने पर जोर देते हुए मुजाहिदीन आज़ादी यानी स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों पर भी रोशनी डाली और फरमाया कि देश को आज़ाद कराने में हमारे उलमा महापुरुषों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जलसे में मौलाना अब्दुल रशीद मोहतमिम मदरसा फैजाने रहीमी का अखलाक ए हुस्ना पर बयान हुआ और प्रोग्राम अपनी सफलता और खूबसूरत अंदाज में रौनक महफिल के साथ जारी रहा। प्रोग्राम के कन्वीनर व नाज़िम मदरसा कारी फै़जान सरूर मज़ाहिरी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। और सभी दर्जात में पोजीशन लाने वाले विद्यार्थियों को इनाम से मौलाना अब्दुल मालिक मुग़ीसी व मास्टर गुफरान अंजुम (डायरेक्टर नुसरत उल इस्लाम एकेडमी) व मौलाना अब्दुल रऊफ व क़ारी मोहम्मद इनाम फैजाबादी के साथ बच्चों की हौसला अफजाई फरमाई। मदरसे के सारे अध्यापकगण और स्टाफ ने पूरे परिश्रम से समारोह को सफल बनाया। अंत में मुख्य अतिथि की दुआ पर इस समारोह का समापन हुआ। जलसे में शिरकत करने वालों में मुफ़्ती मोहम्मद तालिब नदवी देहलवी, हाजी शमसुद्दीन देहलवी, मौलाना खलील अहमद, मौलाना मोहम्मद अकबर (उस्मानपुर ढाकी) मौलाना अब्दुल रहमान क़ासमी, मौलाना मोहम्मद रब्बानी दिल्ली मौलाना अब्दुल गफ्फार, मौलाना मोहम्मद अनवर साहब, क़ारी मोहम्मद रईस रायपुर, क़ारी मोहम्मद हारुन कासमपुर, क़ारी मोहम्मद सालिम, क़ारी मोहम्मद फरीद, मौलाना मोहम्मद बिलाल, क़ारी फखरुद्दीन, क़ारी मोहम्मद रिजवान, कारी अब्दुल वहाब, क़ारी हाजी मुनव्वर हुसैन दिल्ली, मौलाना हुसैन अहमद सिद्दीकी, क़ारी मोहम्मद आरिफ़ फैज़ी, क़ारी मोहम्मद अज़हर आदि के नाम काबिले ज़िक्र हैं।
मौलाना तय्यब क़ासमी और मौलाना अब्दुल खालिक मज़ाहिरी ने संयुक्त रूप से समारोह का संचालन करते हुए जलसे के सभी मेहमानों का परिचय कराया। अध्यक्षता हज़रत मौलाना मोहम्मद सुफियान साहब मोहतमिम दारुल उलूम वक्फ देवबंद ने की। समारोह में बेंगलुरु, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, दारुल उलूम व मज़ाहिर उलूम सहित आसपास के उलेमा मुहददीसीन और इस्लामी विद्वानों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। 29 विद्यार्थियों को क़ुरआने करीम की तकमील हज़रत मौलाना ज़हूर अहमद ज़िला अध्यक्ष जमीअत उलेमा ए हिंद ने कराई और मौलाना ने बयान करके फरमाया कि सारे मुसलमानों को चाहिए कि अपनी जिंदगी कुरान और हदीस के मुताबिक गुज़ारें और समाज में मौजूद बुराईयों - नशा, शराब, जुआ और अनैतिकता जैसे कार्यों से हमेशा बचाव करें। मौलाना मोहम्मद सुफियान साहब ने मिशकॉत शरीफ़ की आखिरी हदीस का दर्स देते हुए फरमाया कि फारिग़ होने वाले विद्यार्थियों को अपनी जिंदगी कुरान व हदीस के अनुसार गुज़ारनी चाहिए और कौम की नई पीढ़ी को तालीम से रोशन करना चाहिए। इसके अलावा न्याय और पवित्रता पर भी जोर दिया। और विद्यार्थियों को क़ुरआने करीम की तालीम तकरीब मौलाना अब्दुल सत्तार साहब ने कराई और फरमाया कि सारे मुसलमानों को सुबह व शाम क़ुरआने करीम की तिलावत करनी चाहिए। इसके अलावा कुरान पढ़ने और पढ़ाने वालों से भी हमें मोहब्बत रखनी चाहिए और दलील देते हुए फरमाया कि कुरान पढ़ने और पढ़ाने वालों से मोहब्बत रखने वालों को अल्लाह पाक अपने खास ईनामात से नवाज़ता है। इस तरह मौलाना मोहम्मद मोहसिन मदनी (सुपुत्र मौलाना सैयद अरशद मदनी) ने देश की अखंडता के लिए देश से मोहब्बत रखने पर जोर देते हुए मुजाहिदीन आज़ादी यानी स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों पर भी रोशनी डाली और फरमाया कि देश को आज़ाद कराने में हमारे उलमा महापुरुषों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जलसे में मौलाना अब्दुल रशीद मोहतमिम मदरसा फैजाने रहीमी का अखलाक ए हुस्ना पर बयान हुआ और प्रोग्राम अपनी सफलता और खूबसूरत अंदाज में रौनक महफिल के साथ जारी रहा। प्रोग्राम के कन्वीनर व नाज़िम मदरसा कारी फै़जान सरूर मज़ाहिरी ने सभी मेहमानों का स्वागत किया। और सभी दर्जात में पोजीशन लाने वाले विद्यार्थियों को इनाम से मौलाना अब्दुल मालिक मुग़ीसी व मास्टर गुफरान अंजुम (डायरेक्टर नुसरत उल इस्लाम एकेडमी) व मौलाना अब्दुल रऊफ व क़ारी मोहम्मद इनाम फैजाबादी के साथ बच्चों की हौसला अफजाई फरमाई। मदरसे के सारे अध्यापकगण और स्टाफ ने पूरे परिश्रम से समारोह को सफल बनाया। अंत में मुख्य अतिथि की दुआ पर इस समारोह का समापन हुआ। जलसे में शिरकत करने वालों में मुफ़्ती मोहम्मद तालिब नदवी देहलवी, हाजी शमसुद्दीन देहलवी, मौलाना खलील अहमद, मौलाना मोहम्मद अकबर (उस्मानपुर ढाकी) मौलाना अब्दुल रहमान क़ासमी, मौलाना मोहम्मद रब्बानी दिल्ली मौलाना अब्दुल गफ्फार, मौलाना मोहम्मद अनवर साहब, क़ारी मोहम्मद रईस रायपुर, क़ारी मोहम्मद हारुन कासमपुर, क़ारी मोहम्मद सालिम, क़ारी मोहम्मद फरीद, मौलाना मोहम्मद बिलाल, क़ारी फखरुद्दीन, क़ारी मोहम्मद रिजवान, कारी अब्दुल वहाब, क़ारी हाजी मुनव्वर हुसैन दिल्ली, मौलाना हुसैन अहमद सिद्दीकी, क़ारी मोहम्मद आरिफ़ फैज़ी, क़ारी मोहम्मद अज़हर आदि के नाम काबिले ज़िक्र हैं।
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